आस्था से जुड़ी है बलायझोरा स्थित बड़ा काली मंदिर

खोरीबाड़ी । अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं से सटे खोरीबाड़ी प्रखंड अंतर्गत बतासी के बलायझोरा स्थित बड़ा काली मंदिर आस्था से जुड़ी है । मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर पिछले कई वर्षों से आयोजित काली पूजा के दौरान काफी संख्या में श्रधालू पहुंच पूजा अर्चना करते हैं । श्रध्दालुओ का मानना है की मन से मांगी मुरादें को माँ काली पूरा करते हैं ।
किसने और कब की स्थापित – बड़ा काली मंदिर कमिटी के सचिव अमल मंडल ने बताया स्थानीय ए कुमार दे ने 1975 ई में बतासी स्थित बलायझोरा में बड़ा काली मंदिर स्थापित किये । स्थापना के समय में बड़ा काली माता की प्रतिमा 35 हाथ की ऊंचाई के बराबर निर्माण किया जाता था । परंतु कुछ वर्षों से अब 22 हाथ की प्रतिमा निर्माण की जाती है। 1975 से प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में पूजा की आयोजन की जा रही है । मद्देनजर इस वर्ष भी 14 जनवरी को 12 बजे रात्रि को मंदिर में माँ काली की पूजा अर्चना की जायेगी । साथ ही 15 से 17 जनवरी तक मेला का भी आयोजन है । अमल मंडल ने बताया छह बीघा जमीन बड़ा काली मंदिर के नाम पर पंजीकृत है । जिसमें पूजा अर्चना सहित मेला का आयोजन होता है । वहीं कमिटी के अध्यक्ष प्रभात मंडल ने बताया अंतराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं से सटे होने के कारण नेपाल, बिहार सहित अन्य क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच पूजा अर्चना करते हैं । आस्थाओं से जुड़ी होने के कारण माँ काली मंदिर काफी प्रचलित है । श्रधालुओ द्वारा मन्नतें पूरा होने पर चढ़ावा चढ़ाने के साथ कबूतरों को मंदिर में पूजा अर्चना कर उड़ा देते हैं । कमिटी के सभी अधिकारी सहित अन्य सभी लोग पूजा आयोजन की तैयारियों में जोर – शोर से लगे हुये हैं । बड़ा काली की प्रतिमा का निर्माण कार्य जोरों पर है । वही कई श्रधालुओ ने बताया बलायझोरा स्थित बड़ा काली मंदिर आस्थाओं से जुड़ी है । मन से मांगी गई मुरादें को माँ काली जरूर पूरा करती है । मद्देनजर स्थानीय क्षेत्र ही नहीं बल्कि बहुत दूर दूर तक बलायझोरा बड़ा काली मंदिर प्रचलित है ।

ऐसी और खबरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें