छठव्रतियों ने श्रद्धा पूर्वक अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दिया पहला अ‌र्घ्य

खोरीबाड़ी। भारत – नेपाल सीमा पर प्रवाहित मेची नदी में लोक आस्था के महापर्व छठ बंगाल, बिहार, व नेपालवासियों ने डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। भातगांव मेची नदी के घाटों पर जुटे श्रद्धालुओ ने पूजा अर्चना कर अपने परिवार के सुख शांति की छठ मैया से कामना की । डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती और उनके परिजन अपने घरों से पूजा सामग्रियों के साथ घाटों पर पहुंच गए थे। घुटने तक पानी में उतर कर, पूजा सामग्रियों से भरे सूप हाथों में लिए व्रतियों ने डूबते सूर्य को पूरी श्रद्धा के साथ पहला अर्घ्‍य दिया। घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में सन्तरा, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और अपने सुख समृद्धि की कामना की। सोमवार को उदीयमानन भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर अपने जीवन में सुख-शांति व समृद्धि की कामना करेगी। इसके बाद महिलाएं अपने घर में ठेकुए व फल भगवान को भोग लगाकर अपना 36 घंटे का निर्जला व्रत का पारण करेगी और छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुए का प्रसाद वितरित करेंगे। भारत और नेपाल के करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस नदी पर एक साथ आते हैं । और इस स्थल पर करीब पांच हजार से ज्यादा पूजा स्थल का घाट बनाकर छठ पर्व मनाते हैं । 50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ आने का लक्ष्य लेकर मेची नदी के छठ में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए दोनों देश के सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर गश्त की जा रही थी । भारतीय क्षेत्र से एसएसबी एवं गलगलिया थानाध्यक्ष सरोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस गश्त लगा रहे थे ।

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