फसल तकनीकी से गुणवत्ता युक्त आम उत्पादन से अधिक आमदनी

डॉ. दुष्यन्त कुमार राघव
सी.आई.एस.एच.- कृषि विज्ञान केंद्र मालदा के वैज्ञानिकों ने इंग्लिश बाजार ब्लॉक में आम के बगीचे का चयन कर प्रीमियम गुणवत्ता युक्त आम उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। मौसम के बदलाव के कारण आम के बागों में कीट व्याधि का प्रकोप अधिक हो रहा है जिस कारण किसानों के द्वारा अत्यधिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। जिससे लागत भी बढ़ रही है और स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सी.आई.एस.एच.- कृषि विज्ञान केंद्र, मालदा के वैज्ञानिकों ने आई.सी.ए.आर.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के द्वारा विकसित की गई तकनीक के द्वारा 40 किसानों का चयन करके आम उत्पादक समूह बनाया तत्पश्चात प्रशिक्षण देकर उन्नत तकनीकों जैसे फसल प्रभात का छिड़काव फेरोमेन ट्रैप का प्रयोग, नीले एवं पीले चिपचिपी ट्रैप और फ्रूटबैग (कवच) तकनीकी का प्रयोग कराया गया शुरुआत में 1000 आम के वृक्षों का चुनाव कर उनका समय पर वैज्ञानिक सलाह खेत भ्रमण एवं आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई गई। इसके फल स्वरुप जहां पर यह तकनीक किसानों ने अपनायी है, वहां पर कीट व्याधि के प्रकोप में कमी आई है एवं कीटनाशिकी के प्रयोग में कमी आई है साथ आम की फसल भी स्वस्थ दिखाई दे रही है। इस कार्यक्रम में इंग्लिश बाजार किसान उत्पादक समूह द्वारा भरपूर सहयोग किया जा रहा है किसानों का मानना है इससे लागत में कमी आएगी फलों की गुणवत्ता बेहतर होने से बाजार में इसका अधिक मूल्य मिलेगा। मालदा जहां आमों के विभिन्न किस्म एवं स्वाद के प्रसिद्ध हैं उसमें बढ़ोतरी होगी। इस तकनीकी के द्वारा उत्पादन किए गए आम को भविष्य में विदेश में एक्सपोर्ट भी किया जा सकता है शुरुआती सफलता से सभी गदगद है, क्योंकि उनके आम की बाजार में अधिक मांग होगी साथ ही पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकेगा पिछले वर्षों में जहां आम के बागवानों को अधिक मुनाफा नहीं हो रहा अब उन्हें उम्मीद है कि स्वस्थ आम गुणवत्ता युक्त फसल एवं अच्छी कृष्ण क्रियाएं अपना कर आम के बागों के अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है कृषि विज्ञान केंद्र मालदा के अध्यक्ष सह वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ दुष्यन्त कुमार राघव बताते हैं कि अब गुणवत्ता युक्त आम, कीटनाशक का कम प्रयोग एवं अधिक बाजार मूल्य आधारित उत्पादन करने का समय है। इसके लिए केंद्र किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है मालदा जिले में या पहली बार कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

 

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