भजनपुर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन

खोरीबाड़ी। प्राकृतिक चिकित्सा एक समग्र आयुर्विज्ञान डॉक्टर सरबनी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी तथा आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से एवं सूर्या फाउंडेशन तथा अंतर्राष्ट्रीय नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के तत्वावधान में प्राकृतिक चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन भजनपुर में किया गया। इस शिविर मे डॉ शरबानी राय ने बताया भारत प्राचीन देश है भारत के ऋषियों ने अनेक प्रकारों के आविष्कार किए उन आविष्कारों में से योग, आयुर्वेद तथा प्राकृतिक चिकित्सा एक है उसमें आज संपूर्ण विश्व अपना रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा का मूल आधार मिट्टी, पानी धूप और हवा है इन का समुचित प्रयोग करके व्यक्ति लंबे समय तक निरोग रह सकता है। महात्मा गांधी ने भी अपने जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाया तथा लोगों को भी प्रेरित किया है। इसके लिए अपनी दिनचार्य को संयमित करना है प्रातःकाल उठने के बाद जल सेवन करना साथ ही योग तथा व्यायाम को समय देना नाश्ते में कच्चे आहार की मात्रा बढ़ाना जिसमें अंकुरित अनाज जैसे चना, मूंग, बदाम, सोयाबीन, आदि मौसम के अनुकूल फल तथा कच्ची सब्जियों सलाद को सम्मिलित किया जा सकता है, जो महाशिवरात्रि रात्री को भगवान शंकर जी को चढ़ाते हैं। वही हमें खाना चाहिए साथ ही भोजन को चबा चबाकर खाना, भोजन से आधा घंटे पहले तथा आधा घंटे बाद पानी पीना, सप्ताह में एक दिन उपवास करना जिससे हमारे शरीर में जो भोजन पचने से रह गया है। आंतों को विश्राम मिलाने के कारण बचा हुआ भोजन को पचन कर देती है प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों का पालन करेंगे तो लम्बे समय तक निरोग तथा स्वस्थ रह सकते हैं। हमें पुनः प्रकृति के तरफ लौटकर अपने को स्वस्थ बनाएं भारत सरकार ने 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस घोषित कर जन जन तक पहुचाने की दिशा में प्रयत्नशील है। आज सम्पूर्ण भारत हमारा अनुसरण कर रहा है भीखपुरी गोस्वामीज अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन तथा सूर्या फाउंडेशन के कार्यो पर प्रकाश डाला। जन जागरण के लिये अनेक गाँवों मेँ रैलियों निकलकर प्राकृतिक चिकित्सा अपनाने का संदेश दिया। इस अवसर पर डॉ सरबनी राय, डाॅ मनोहर समोद्दार, सरस्वती सरकार, केबी बिस्टा, गौरव सैनिक अध्यक्ष पूर्व सैनिक एसोसिएशन, सोबिंद बर्मन, निरेन बर्मन, विरेन्द्र सिकदर, नमिता मंडल, सुनीता सिंह, तरुण सिंह, जगत हेम्ब्रम, कमलेश पासवान सहित अनेक ग्रामवासियों की सहभागिता रही।

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