भारत – नेपाल सीमा से सटे खोरीबाड़ी प्रखंड के डांगुजोत से माघ माह के पूर्णिमा के दिन मेला का आयोजन हो रहा है

Live aap news: खोरीबाड़ी । भारत – नेपाल सीमा से सटे खोरीबाड़ी प्रखंड के डांगुजोत से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेपाल के झापा जिला के कियाबाड़ी (पृथ्वीनगर) गांव में स्थित ऐतिहासिक महाभारत कालीन कीचक वध में पिछले सैकड़ों वर्षो से माघ माह के पूर्णिमा के दिन मेला का आयोजन हो रहा है । मद्देनजर रविवार को भी मेला में जन सैलाब उमड़ पड़ा । काफी संख्या में श्रधालुओ ने पहुंच कर पूजा अर्चना किया । बताया जाता है की उक्त स्थान पर पिछले सैकड़ों वर्षों से मेला का आयोजन होता आया है । भातगांव निवासी सूरज शाह ने बताया धार्मिक व सामाजिक दृष्टिकोण से स्थापित कीचक वध मेला काफी महत्वपूर्ण है । मेला में नेपाल सहित भारतीय क्षेत्रों के बंगाल, बिहार, सिक्किम, असम से काफी संख्या में श्रधालुओ पहुंच पूजा अर्चना कर मन्नत मांगे । कहा जाता है मन से मांगी मुरादें भी पूरी होती है । वही मेला आयोजन कमिटी व नेपाल प्रशासन की और से सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किया गया है । साथ ही मेला में मनोरंजन हेतु सर्कस, झूला सहित अन्य व्यवस्था भी है । संरक्षण समिति के अध्यक्ष दिल बहादुर थेबे ने बताया कीचकवध धार्मिक स्थल पर सुबह से ही तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। धार्मिक मान्यता है कि माघ शुक्ल पूर्णिमा के दिन कीचकवध के ऐतिहासिक धार्मिक तालाब में अनायास पानी आ जाता है, इसलिए उस तालाब में स्नान करने से व्रती श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। भक्तों द्वारा तालाब में पैसे फेंकने, प्रार्थना करने और कबूतर उड़ाने की धार्मिक परंपरा है। भक्त उस मूर्ति की भी पूजा करते हैं जहां भीम ने कीचक का वध किया था। मद्देनजर इस स्थान का नाम कीचकवध रखा गया और बाद में कीचकवध को ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटन स्थल का नाम दिया गया।

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