news bazar24: खोरीबाड़ी, सुनीता नायक। गुरुवार को माननीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का भ्रमण सीमांत मुख्यालय सशस्त्र सीमा बल सिलीगुड़ी अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा 41वीं बटालियन रानीडंगा के कार्य क्षेत्र पानीटंकी, गौरसिंह बस्ती में हुआ।
सर्वप्रथम, माननीय गृह राज्य मंत्री, सीमा चौकी पानीटंकी पहुंचे जहां पर सशस्त्र सीमा बल की अपर महानिदेशक महोदया श्रीमती अनुपमा नीलेकर चंद्रा द्वारा पारंपरिक अंग वस्त्र तथा पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया गया। वहां पर महोदय द्वारा अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया गया। मोहित दहिया सहायक कमांडेंट, कंपनी कमांडर पानीटंकी द्वारा सेंड मॉडल के माध्यम से भारत- नेपाल सीमा व काउंटर पार्ट के बारे में विस्तृत जानकारी महोदय के समक्ष प्रस्तुत की गई।
तत्पश्चात, उनके द्वारा बीआईटी चेकपोस्ट पानीटंकी का भ्रमण किया गया तथा वहां पर पदस्थ एसएसबी कार्मिकों के साथ वार्तालाप किया गया।

सभी जवानों के साथ माननीय गृह राज्य मंत्री बड़े खाने में शामिल हुए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम अंतर्गत एसएसबी के जैज बैंड द्वारा मधुर संगीत की प्रस्तुति दी गई, साथ ही स्थानीय बच्चों द्वारा नेपाली गीत, आदिवासी गीत एवं राजवंशी लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के उपरांत माननीय गृह राज्य मंत्री द्वारा सभी स्थानीय बच्चों को पुरस्कार देकर उत्साह वर्धन किया गया। एवं एसएसबी के जैज बैंड टीम द्वारा प्रस्तुत किए गए मधुर संगीत कार्यक्रम की काफी सराहना की गई। तत्पश्चात, माननीय गृह राज्य मंत्री, भारत सरकार, द्वारा भारत नेपाल सीमाओं की सुरक्षा परिदृश्य पर सशस्त्र सीमा बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक लिया गया। इस अवसर पर सुधीर कुमार महानिरीक्षक सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी, एमएस पड्डा डीआईजी, ऐकेसी सिंह डीआईजी तथा योगेश सिंह कमांडेंट 41वीं वाहिनी उपस्थित थे।
बताते चलें कि ‘व्याघ्रशक्ति संधारक’ एसएसबी सीमान्त सिलीगुड़ी इस क्षेत्र में नेपाल तथा भूटान से सन्निद्ध निर्बाध और मैत्रीपूर्ण परंतु संवेदनशील राष्ट्रीय सीमा की रक्षा हेतु कृत संकल्पित है। वर्ष 2023-24 के लिए सुधीर कुमार, महानिरीक्षक सिलीगुड़ी सीमांत के नेतृत्व में, सीमांत की 41वी और 53वी वाहिनी को क्रमशः भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा पर सर्वश्रेष्ठ ऑपेरशन बटालियन होने का गौरवपूर्ण सम्मान श्री अमित शाह, माननीय केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार के कर कमलों से प्राप्त हुआ है |
41वीं बटालियन रानीडांगा दार्जीलिंग एवं किशनगंज जिले की नेपाल से लगती हुई अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए तैनात है। इस यूनिट के अंतर्गत पानीटंकी महत्वपूर्ण व्यापार एवं पारगमन केंद्र है जहाँ एसएसबी की पानीटंकी बीओपी अवस्थित है |
पानीटंकी दार्जीलिंग जिले के खोरीबारी ब्लॉक एवं थाना के अंतर्गत रानीगंज पंचायत का भाग है। यह क्षेत्र वर्ष 1960 के दशक के उत्तरार्ध में वामपंथी उग्रवाद के केंद्र नक्सलबाड़ी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। साथ ही, यह क्षेत्र 1990 के दशक में उभरे अलगाववादी संगठन कामतापुर लिबरेशन आर्गेनाइजेशन (केएलओ) के लिए महत्वपूर्ण आधार रहा है |
एस.एस.बी. सीमाचौकी पानीटंकी की स्थापना सन् 2007 में हुई थी । प्रतिदिन पचास हजार से अधिक लोगों और हजारों गाड़ियों के आवाजाही के साथ पानीटंकी पूर्वी नेपाल के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। मेची नदी के तट पर स्थित, यह चेकपोस्ट रणनीतिक रूप से संवेदनशील “चिकेन नेक” क्षेत्र में आता है और सीमापार अपराधों जैसे अवैध घुसपैठ, तस्करी और मादक पदार्थों के प्रचलन की दृष्टी से बेहद संवेदनशील है। पिछले कुछ सालों में, सैकड़ों अपराधियों और अवैध घुसपैठियों की धरपकड़ करते हुए एस.एस.बी. पानीटंकी चेकपोस्ट ने बेस्ट ऑपरेशनल सीमाचौकी के रूप में अपनी उत्कृष्टता स्थापित की है ।
यहाँ सीमा पर कँटीले ह और वीजा की बाध्यता नहीं बल्कि भाईचारे और आत्मीयता का बंधन है। परंतु अपराधी और घुसपैठिये इस खुली सीमा का फायदा उठाकर सीमापार अपराधों को अंजाम देने के मंसूबे रखते है। रोजाना, हजारों लोगों की आवाजाही पर नजर रखते हुए, घुसपैठियों और अपराधियों की पहचान और धरपकड़, भूसे के ढेर से सुई खोजने जैसा असंभव लक्ष्य है । परंतु इस असंभव को, एस.एस.बी. पानीटंकी की बॉर्डर इंटरेक्शन टीम (बीआईटी) अपने ट्रेनिंग और दृढ़ संकल्प के बल पर संभव कर दिखाती है। सॉफ्ट स्किल और इंटेरोगेशन में माहिर, इस टीम ने पिछले कुछ समय में कई अवैध घुसपैठियों और अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमे से कई पाकिस्तानी और चीनी थे।