खोरीबाड़ी। कर्सियांग वन डिवीजन अंतर्गत घोषपुखुर वन विभाग की ओर से हाथीघिस्सा व बुढागंज इलाके में मानव और जंगली हाथियों के बीच संघर्ष को रोकने को लेकर जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस दौरान हाथियों के हमले से बचने सहित विभिन्न तथ्यों के बारे में विस्तृत जानकारियों से अवगत कराया गया। उपर्युक्त आशय की जानकारी देते हुए घोषपुखुर रेंजर अधिकारी सोनम भूटिया ने बताया जागरूकता अभियान के तहत लोगों को बताया गया की मानव और जंगली हाथियों के बीच संघर्ष के कुछ तथ्य यह हैं कि हाथी सुबह, शाम, रात और रात में गुर्राते और हमला करते हैं। हाथियों के हमले आमतौर पर गांवों, घरों, खेतों, चाय बागानों और जंगलों जैसे संसाना झाड़ियों के पास होते हैं। हाथियों के ज्यादातर हमले तब होते हैं जब लोग अकेले चल रहे होते हैं। यह ज्ञात है कि रात में खुली दिशा में बाहर जाने पर भी लोग हाथियों के हमलों से मारे गए हैं। लोगों से अपील करते हुए कहा की हाथी देखते ही वन विभाग को सूचित करें और हाथी को सुरक्षित भगाने में वन विभाग की भी मदद करें। हाथियों के पास जाना और मोबाइल फोन के साथ सेल्फी लेना आपकी जान जोखिम में डाल रहा है। ऐसा कदापि न करें। शराब पीने के बाद आपको देर रात तक गोरेटो के आसपास नहीं जाना चाहिए जहां हाथी आते हैं। उस क्षेत्र में अकेले न चलें जहां सुबह और शाम दो हाथी हों। जरूरत पड़ने पर ही लोगों के समूह में चलें। जहां तक संभव हो हाथी घूमने वाली जगहों पर देर रात तक न टहलें। गांव के घर में शराब की बोतलों के ढेर न रखें। यह हाथियों को आकर्षित करता है। घर के आसपास खरपतवार नहीं रखना चाहिए और रात के समय घर के बाहर बत्ती जलानी चाहिए । किसी को सावधान रहना चाहिए क्योंकि अकेले चलने वाले हाथियों के पास जाना बहुत खतरनाक है, खासकर हाथियों और हाथियों को मूर्च्छा की स्थिति में। जब हाथी गाँव में प्रवेश करे तो हाथी को चारों ओर से न मारें और भाले या पत्थरों का प्रयोग न करें, आइए हाथी को एक तरफ से टिन, ढोल आदि बजाकर बाहर निकालने का प्रयास करें। घर के आसपास केले और बांस के पेड़ न लगाएं। क्योंकि यह हाथियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। नोट चाय के खेतों, खेतों और खुली जमीन की ओर अवैध बिजली के तार और डबल ब्लेड तार न लगाएं। यदि कोई हाथी इससे घायल या मारा जाता है, तो इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा।
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