मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने को लेकर ऑर्ड तराई टी गार्डन में कार्यक्रम का आयोजन

खोरीबाड़ी। कर्सियांग वन प्रभाग के अधिकार क्षेत्र के तहत चाय बागान क्षेत्रों में व्याप्त गंभीर मानव – वन्यजीव संघर्ष की स्थिति को कम करने के लिए, वन विभाग ने पहले मानव – वन्यजीव संघर्ष शमन के लिए चाय बागानों में छायादार पेड़ों की बिक्री से प्राप्त आय का 10% अलग रखने का प्रस्ताव दिया था। जिला प्रशासन, दार्जिलिंग और चाय बागान संघों ने प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। पानीघट्टा रेंज के अधिकार क्षेत्र के तहत ऑर्ड तराई टी गार्डन ने कर्सियांग वन प्रभाग द्वारा निर्धारित मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन उपायों को गुरुवार को अग्रणी आधार पर अपनी श्रम रेखा में लागू किया है। लाभ वितरण कार्यक्रम में मंडल वन अधिकारी, कर्सियांग प्रमंडल, प्रधान, बागडोगरा ग्राम पंचायत, सहायक संभागीय वन अधिकारी, बागडोगरा, प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक, ऑर्ड तराई चाय बागान, रेंज अधिकारी, पानीघट्टा रेंज, श्रम कल्याण अधिकारी ऑर्ड तराई उपस्थित थे। चाय बागान’ग्लो विद फॉरेस्ट’ पहल के एक हिस्से के रूप में क्षेत्र को रोशन करने और वन्य जीवन को रोकने के लिए श्रम लाइनों में कुल 50 उच्च वोल्टेज बिजली के बल्ब लगाए गए थे। प्रबंधन ने संघर्ष को कम करने के लिए मजदूरों को सर्च लाइट की 18 यूनिट और हैंड हेल्ड माइक सह सायरन की 2 यूनिट भी वितरित की। वन विभाग के अधिकारियों ने अन्य चाय बागान प्रबंधनों को अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में भी ऑर्ड तराई टी गार्डन द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ. हरिकृष्णन पीजे आईएफएस डीएफओ कर्सियांग, एडीएफओ भूपेन विश्वकर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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