खोरीबाड़ी। कर्सियांग वन डिवीजन अंतर्गत पानीघाटा, वामनपोखरी, बागडोगरा, घोषपुखुर तथा टुकुरिया झाड़ रेंज इलाकों में बिजली के झटके के कारण वन्यजीवों, विशेषकर हाथियों की मौत को रोकने के लिए एक विशेष पहल की है। विभाग के एंटी-इलेक्ट्रोक्यूशन सेल द्वारा एक संयुक्त फील्ड निरीक्षण शुरू किया गया है। जिसमें कर्सियांग और सिलीगुड़ी सब डिवीजन अधिकार क्षेत्र के तहत कर्सियांग वन प्रभाग, दार्जिलिंग पुलिस, सिलीगुड़ी पुलिस, डब्ल्यूबीएसईडीसीएल और गैर सरकारी संगठनों को शामिल किया गया है। संयुक्त फील्ड निरीक्षण कार्य 04 जनवरी से 06 जनवरी और 09 जनवरी तक जारी है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए कर्सियांग वन डिवीजन डीएफओ हरिकृष्णण पीजे ने बताया आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्धेश्य वन्यजीवों की मौत को रोकने के लिए किया गया है। मद्देनजर सभी गाँवों, चाय बागानों के आस-पास के क्षेत्रों में जंगली हाथियों के बिजली के करंट को रोकने के लिए घरों और कृषि भूमि के चारों ओर जीआई (जस्ती लोहे) तारों के साथ अवैध बिजली के तारों, हुकिंग और अवैध बिजली कनेक्शनों की जाँच की जा रही है । बिजली के झटके से होने वाली मौत, टेढ़ी लाइन व अन्य अवैध गतिविधियों को कम करने के लिए एंटी इलेक्ट्रोक्यूशन सेल नक्सलबाड़ी ने विद्युत विभाग, पुलिस, प्रखंड प्रशासन व गैर सरकारी संगठन के साथ संयुक्त फील्ड निरीक्षण किया है। गुरुवार को बागडोगरा रेंज के अपर बागडोगरा ग्राम पंचायत क्षेत्र, पानीघाटा रेंज के चेन्गाबस्ती, रंगमोहन बस्ती, कटारिया बस्ती, घोषपुखुर रेंज के मादा भिट्टा, भुवनगिरी, गंगाराम, पाठाहीरहीरा, फकीरधिप तथा टुकुरिया झाड़ रेंज के रानीगंज पानीसाली व बुढागंज ग्राम पंचायत इलाकों में फील्ड निरीक्षण किया गया। इस दौरान लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया की चाय के खेतों, खेतों और खुली जमीन की ओर अवैध बिजली के तार और डबल ब्लेड तार न लगाएं। यदि कोई हाथी इससे घायल या मारा जाता है, तो इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा।
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