Live aap news : मालदा गाजोल प्रखंड की किसान मंडी में समर्थन मूल्य पर उचित मात्रा में धान नहीं बेच पाने से किसानों में घोर असंतोष फैल गया है।
विभिन्न क्षेत्रों के किसानों ने शिकायत की कि सरकार ने प्रति व्यक्ति 45 क्विंटल धान निर्धारित मूल्य पर बेचने का निर्देश दिया है। लेकिन सरकारी निर्देश को धता बताते हुए किसानों से प्रति व्यक्ति 25 क्विंटल धान लिया जा रहा है। जिससे किसानों के घर में पर्याप्त मात्रा में धान रह गया है।इसके चलते गाजोल प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के किसान उत्पादित धान की बिक्री को लेकर परेशान हो रहे हैं। सरकारी तंत्र के लचर रवैए को देख गाजोल किसान मंडी क्षेत्र के किसान आक्रोशित हो गए।उन्होंने प्रशासन से सरकार के निर्देशों के अनुपालन में धान खरीदी की मांग की।
ग़ाज़ोल के विडीयो उष्नाता मुक्तन ने कहा, इस बारे में कुछ पता नहीं है।आप सभी के द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। मामले की जांच की जाएगी।
प्रशासन सूत्रों के अनुसार खाद्य विभाग ने राज्य भर के किसानों से सरकारी रियायती दामों पर धान खरीदना शुरू कर दिया है।
गाजोल प्रखंड के मझरा ग्राम पंचायत के धान किसान मोइनुद्दीन शेख, जहांगीर शेख और जगदीश मंडल के मुताबिक किसान मंडी में 45 क्विंटल धान प्रति व्यक्ति बिक्री के लिए लाए। लेकिन 25 क्विंटल से ज्यादा धान की खरीददारी नहीं की जा रही हैं।अब बाकी बचे धान को कहां और कैसे बेचा जाए।मुशीबत खड़ा हो गया है।
वहीं दूसरी तरफ दलाल,पैकारी व्यापारियों का समूह धान की खरीदी औने पौने दामों में कर सरकारी अधिकारी से सांठगांठ कर कालाबाजारी कर रहे है। किसान मंडी में किराए की हिंसा बढ़ती ही जा रही है। इसके विरोध में किसानों ने प्रशासन से शिकायत करते हुए सरकारी निर्देशों का पालन की मांग की।
हालांकि गाजोल प्रखंड प्रशासन ने किसानों के मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया।
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