सुचित्रा ने मास्क बनाकर दूर की आर्थिक मुश्किलें! सफल महिलाएं

live aap news: कोरोना की वजह से पति की आमदनी खत्म हो जाती है। पुराने कपड़े सिलने से कुछ आमदनी होती थी, लेकिन वह भी कोरोना के चलते बंद हो गई। दो बेटियों की पढ़ाई, चार के परिवार का खर्चा। कैसे कमाए? तुफानगंज की सुचित्रा बर्मन यह सोचकर रात को सो नहीं पाईं।

तभी उन्होंने जागरूकता के साथ-साथ कमाई के बारे में भी सोचा। इस बीच कोरोना के लिए मास्क की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है। तो सुचित्रा ने जंग लगी सिलाई मशीन निकाली और कपड़े के मास्क बनाने लगी। और उसमें उसने लाभ का चेहरा देखा।

तुफानगंज नगर पालिका के वार्ड नंबर 4 निवासी सुचित्रा बर्मन अब मास्क बनाकर आर्थिक रूप से सक्रिय हो गई हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है, जहां वह मास्क बनाकर आमदनी के साथ-साथ जागरूकता का भी संदेश दे रहे हैं. दो बेटियों और पति के साथ चार का परिवार। लॉकडाउन में सब कुछ बंद होने के बाद वह रोजी-रोटी कमाने के बारे में सोचने लगा। सिलाई करना जानती हैं सुचित्रा का मानना ​​है कि मास्क बनाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ घर भी चलाया जा सकता है। सबसे बड़ी बेटी मयूराक्षी तुफानगंज इला देवी गर्ल्स हाई स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा है। सबसे छोटी बेटी लावण्या सेकेंड क्लास में है। दोनों बच्चों को पढ़ाने और परिवार चलाने का खर्चा मास्क बनाने में लग गया। सुचित्रा ने कहा, ‘सिलाई का काम तो पहले से ही पता था। इसलिए मास्क बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। हार गए तो काम नहीं चलेगा, परिवार को सम्भालना होगा। इसलिए सुचित्रा देवी “मास्क” लेकर आगे बढ़ रही हैं।”

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