खोरीबाड़ी। रोग मुक्त भारत अभियान के तहत प्राकृतिक चिकित्सा शिविर आयोजित पानीटंकी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी, केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद नई दिल्ली तथा आयुष मंत्रालय के सहयोग से इंटरनेशनल नेचरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन तथा सूर्या फाउंडेशन ने भूगोल जो गंडगोल जोत (आदर्शजोत) पानीटंकी में प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया । इस शिविर में मुख्य वक्ता राजीव वर्मा ने प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रकृति का मूल आधार मिट्टी पानी धूप हवा है और रोगों का उपचार भी इन्हें के द्वारा किया जा सकता है । इसके लिए प्रकृति की ओर वापस जाना होगा प्रकृति की और वापसी आत्मा की तथा हमारा व्यवहार भी प्रकृति के अनुसार करना होगा स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है । इसके लिए हमें आत्म संयम एवं आत्मायोग, भोजन में स्थानीय तथा मौसमी अनुकूल मौसम अनुकूल खाद्य पदार्थ व फल, भोजन में कच्चे भोजन की मात्रा बढ़ाना, उपवास, प्राकृतिक खेती इन सब के द्वारा ही रोगों से मुक्ति संभव है। इसके लिए हमें दृढ़ संकल्प के साथ नियमित जीवन में अपनाना होगा ।डॉक्टर सर्बानी रॉय ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय है, हमारे आसपास के वातावरण को स्वच्छता सुंदर रखना इसके लिए स्वच्छता मुख्य विषय है । स्वच्छता में भी हमारे घर का वातावरण स्वच्छ हो भोजन स्वच्छ हो जिसमें तले हुए पदार्थों से लेकर ज्यादा मसाले न हो शरीर स्वच्छ और स्वस्थ रहें इसके लिए नियमित योगाभ्यास तथा मन के स्वास्थ्य के सद साहित्य तथा संगति, स्वाध्याय सामाजिक कार्य में सक्रियता तथा आत्मा की संतुष्टि के लिए ध्यान योग तथा प्राणायाम आवश्यक है । इसके माध्यम से भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति संभव है । इस कार्यक्रम में सरबनी राय, एसएसबी असिस्टेंट कमांडेट हरजीत राव, डा प्रियंका जायसवाल बबीता छेत्री, उत्तम तालुकदार, बसंती लामा, अल्का वर्मा, नूर अंसारी, भीख पुरी गोस्वामी, विनोद महतो, सौबिन्द बर्मन, सहित बड़ी संख्या में माताओं बहनों तथा युवाओं की सहभागिता रही।