खोरीबाड़ी। प्रोग्रेसिव मेडिकल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन ऑफ इंडिया खोरीबाड़ी कमिटी ने होम्योपैथिक के अविष्कारक डॉ सैमुअल हैनीमैन का जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया । उल्लाहजोत में आयोजित कार्यक्रम के दौरान चिकित्सकों ने हैनीमैन द्वारा होम्योपैथ चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। इस दौरान चिकित्सकों ने हैनीमैन के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित किए। प्रोग्रेसिव मेडिकल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन ऑफ इंडिया खोरीबाड़ी कमिटी के सचिव अरुण सिंह ने बताया कि होम्योपैथ के अविष्कारक हनीमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था। हनीमैन होम्योपैथ से ही अपनी चिकित्सीय सेवा शुरू की थी। उन्होंने नई पद्धति के तहत दवाओं का सबसे पहले अपने ही ऊपर अनुसंधान किया। परीक्षण करने के बाद उन्होंने उसे होम्योपैथिक के नाम से अविष्कार किया। वहीं कई चिकित्सकों ने कहा कि लोगों के मन में आशंका हमेशा बनी रहती है कि होम्योपैथिक दवा बीमारी के दौरान देर से लोगों के शरीर पर असर करती है, पर ऐसी बात नहीं है। चिकित्सकों ने कहा कि हैनिमैन की पद्धति से इन दिनों होम्योपैथिक पर कई अन्य अनुसंधान भी प्रारंभ हो गए हैं। इस अवसर पर प्रोग्रेसिव मेडिकल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन ऑफ इंडिया खोरीबाड़ी कमिटी के अध्यक्ष सुधीर सिंह, सचिव अरुण सिंह, गोविंद, मोहम्मद जुनेद सहित अन्य मौजूद थे।
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