Share on whatsapp
Share on twitter
Share on facebook
Share on email
Share on telegram
Share on linkedin

पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एक केस दर्ज, वर्ष 2018 से जुड़े एक मामले

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on email
Share on telegram
Share on linkedin

Live aap news : पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एक केस दर्ज की गयी है. पश्चिम बंगाल की पुलिस ने में बीजेपी के नेता शुभेन्दु अधिकारी के खिलाफ फिर से जांच शुरू कर दी है. बता दें कि यह मामला वर्ष 2018 में शुभेन्दु अधिकारी के बॉडीगार्ड से जुड़ा है जिसने आत्महत्या कर ली थी. शुभेन्दु अधिकारी के बॉडीगार्ड सुब्रत चक्रवर्ती ने 13 अक्टूबर, 2018 को कांठी में अपने किराए के घर में कथित तौर पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को सिर में गोली मार ली थी. गोली लगने से दो दिन बाद एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. सुवेंदु पर आरोप है कि उन्होंने अपने सुरक्षा गार्ड को आत्महत्या के लिए उकसाया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ कोंटाइ के पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया गया है.
बताते चलें कि इस घटना के समय सुवेंदु अधिकारी तृणमूल में थे और राज्य के परिवहन मंत्री थे. पश्चिम बंगाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 120बी के तहत मामला दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू कर दी है. हाल ही में चक्रवर्ती की पत्नी ने शिकायत दर्ज कर पति की रहस्यमयी मौत की जांच की मांग की थी. सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन किया और नंदीग्राम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराया. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल में विपक्ष का नेता नियुक्त किया है.
बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी पर कथित टिप्पणी को लेकर तृणमूल कांग्रेस विधायक चंद्रिमा भट्टाचार्य ने नेता विपक्ष शुभेन्दु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. भाजपा विधायक अधिकारी को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नंदीग्राम में चुनाव से संबंधित मुद्दा उठाने की अनुमति न दिए जाने के बाद भाजपा के विधायकों ने नेता विपक्ष के नेतृत्व में सदन से मंगलवार को बहिर्गमन किया था. तब अधिकारी ने संवाददाताओं से कथित तौर पर कहा था कि बनर्जी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) के नौकर बन गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस दिए जाने की बात को माना जिसमें अधिकारी से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है. आगे की किसी कार्रवाई पर विचार के लिए विधानसभा की विशेषाधिकार समिति नोटिस की पड़ताल करेगी.

 

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on email
Share on telegram
Share on linkedin
advertisement