Malda : डॉल्फ़िन जैसी दुर्लभ प्रजाति की मछलियों को बचाया गया

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aapnews :मालदा मानिकचक और पुखुरिया थाने के बीच बहने वाली कालिंदी नदी में मछुआरों ने डॉल्फ़िन जैसी दुर्लभ प्रजाति की विशाल मछलियों को बचाया। नदी में मछली पकड़ने के लिए मछुआरों के जाल में आज एक दुर्लभ प्रजाति की मछली पकड़ी गईं। मछली को देखने के लिए ग्रामीणों का सुबह से नदी तट पर तांता लगा रहा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को पहुंचाई। खबर पाकर वन अधिकारी पहुंचे और मछली को बचाया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के कई मछुआरे मछली पकड़ते समय जाल खींच रहे थे। तभी उन्होंने दुर्लभ प्रजाति की मछली को देखा। हालांकि लंबे समय से मछुआरे मछली मारते आ रहें हैं लेकिन ऐसी मछली नहीं देखी गई। खबर सुनकर उत्सुकता वश गांव के लोग इस दुर्लभ प्रजाति की मछली को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
स्थानीय गांव निवासी मोहम्मद सरवर ने बताया कि गंगा और कालिंदी का संबंध है।कई दिनों से नदी में पानी का जलस्तर बढ़ा है। नतीजतन यह दुर्लभ प्रजाति की मछली स्वाभाविक रूप से कालिंदी नदी में आ गई है।मछुआरे मछली पकड़ रहे थे।तभी उन्होंने अपने जाल में मरी हुई डॉल्फ़िन की एक दुर्लभ प्रजाति को पकड़ा। वन अधिकारी आए और उसे ले गए।
वन अधिकारी प्रदीप गोस्वामी ने कहा कि यह सुसाक (गंगा की डॉल्फिन) थी। यह आमतौर पर गंगा में पाई जाती हैं। वह यहां मृत पाई गई है। कालिंदी नदी में देखने का रिकॉर्ड बहुत कम है। इस नदी में डाल्फिन कैसे आई, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।ऐसे में डाल्फिनों को बचाने के लिए लोगों में जागरूकता शुरू किया गया है। हम मरी हुई गंगा डॉल्फिन को निकालने में सतत प्रयत्नशील है।
राजेश कुमार जैन
संवाददाता: मालदा।

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