live aap news : मालदा बांग्लादेश में साम्प्रदायिक अराजकता के कारण दोनों देशों की राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है वहीं ब्यापार पर भी इसका असर देखने को मिला। जबकि पूरे देश में घटनाक्रम के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच घटना के विरोध में मालदा जिले में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों द्वारा रैली कर विरोध प्रदर्शन किया गया है। ऐसे में मालदा में लगने वाली भारत बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा माहदीपुर लैंड पोर्ट पर दोनों देशों के वाणिज्यिक आयात और निर्यात पर खासा प्रभाव देखने को मिला।लैंड पोर्ट पर सुरक्षा ब्यवस्था पहले से चाक-चौबंद कर दी गई है।घटना से पूर्व बार्डर से लगभग पांच सौ गाड़ियों की आवाजाही होती रही है लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा घटकर तीन सौ पचास के करीब आ गया है। लेकिन एसोसिएशन के लोग सीधे तौर पर इस बात को स्वीकार करने से परहेज़ कर रहें हैं।
इस संबंध में माहदीपुर सीएनएफ एजेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव भूपति मंडल ने कहा कि बांग्लादेश में हुई घटना के कारण माहदीपुर इंटरनेशनल लैंड पोर्ट के माध्यम से वाणिज्यिक क्षेत्र पर ऐसा कोई प्रभाव नहीं पड़ा।हालांकि, हर दिन एक हजार से अधिक चालक और सह-चालक माहदीपुर बार्डर से बांग्लादेश में माल ले जाते हैं। यह सच है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक अराजकता ने दहशत पैदा कर दी है। उन्हें जागरूक और सतर्क करने के लिए संगठन ने अभियान शुरू किया है। बांग्लादेश में हुई घटना की कड़ी निंदा की।
दूसरी तरफ माहदीपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष फजलुल हक ने कहा कि यहां हर कोई कारोबार कर रहा है और व्यापारी का व्यापार धर्म है। बांग्लादेश की घटना का बार्डर के माध्यम से निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हक ने कहा वर्तमान में तीन सौ से तीन सौ पचास गाड़ियां की आवाजाही है।
दूसरी ओर निर्यातक उत्तम घोष ने बांग्लादेश में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि व्यापार और वाणिज्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। परन्तु बार्डर घटना को लेकर अफरातफरी मची हुई है।
घटित घटना के बीच बांग्लादेश में सांप्रदायिक अराजकता के कारण माहदीपुर पोर्ट पर बीएसएफ की गश्त बढ़ा दी गई है। निर्यात के लिए जाने वाले वाहनों सुरक्षा की जांच की जा रही है।
राजेश कुमार जैन
संवाददाता: मालदा।
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